#कॉमिक_गांव।
स्पीति भूक्षेत्र और संभवतः विश्व का सबसे ऊंचा गांव जो सड़क मार्ग से जुड़ा है और मोटरेबल है। लगभग 4700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस गांव की आखिरी जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या सिर्फ 114 थी। प्रकर्ति ने इस पूरे भूभाग को बेहतरीन लैंडस्केप्स से नवाजा है। चारों तरफ श्वेत धवल चोटियों से सुसज्जित पहाड़ किसी कैनवास पर सजी पेंटिंग की तरह दिखते हैं। जिधर भी आपकीं नजर जाएगी उधर ही प्रकृति निर्मित अलग नजारा देखकर आल्हादित हो जाएंगे। यह बारह महीने सड़क मार्ग से जुड़ा है सिर्फ भारी बर्फबारी की वजह से कभी कभी इसका संपर्क जिला मुख्यालय, जो कि लगभग 30 किलोमीटर दूर काजा में स्थित है, से कट जाता है। यहां पर एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ भी स्थित है जिसमें सामुद्रिक जीवन के कई जीवाश्म उपलभ्ध हैं जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि लाखों वर्ष पूर्व कभी इस जगह पर समुद्र विद्यमान था जो कालांतर में इन ऊंचे ऊंचे पहाड़ों में तब्दील हो गया। यहां पर रात का तापमान अधिकतर निगेटिव संख्या में ही रहता है जो कि सर्दियों में माइनस 30 या माइनस 40 तक चला जाता है। इस गांव के बेहद निकट स्थित गांव लांगजा की वो रात आज भी मेरे जेहन में ताजा है जब रात का तापमान माइनस 18 डिग्री सेंटीग्रेड था। यहां के लोग बेहद मेहनती जनजातीय लोग हैं। ये लोग सर्दियों के कठिन वक्त के लिए अपने खाने पीने की सभी सामग्री का भंडार गर्मियां खत्म होने से पहले ही कर लेते हैं। आपको यहां हर घर में लकड़ी की अंगीठी( बुखारी) जो कि ऊपर जाकर एक चिमनी से कनेक्टेड होती है जरूर मिलेगी जिससे इनका पूरा घर गर्म और आरामदायक रहता है। यहां पहुंचने के लिए पहले आपको जिला मुख्यालय काजा पहुंचना होता है। काजा बारह महीने सड़क मार्ग से जुड़ा है जहां शिमला, रामपुर पूह नाको और टाबो होते हुए पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा गर्मियों में मनाली होते हुए कुंजम पास को पार करके भी काजा जाया जा सकता है। मनाली से कुंजम पास तक का रास्ता बेहद दुर्गम मगर बेहद खूबसूरत है। यहां वातावरण में ऑक्सीजन की कमी होने कारण शुरू में कुछ दिक्कत आ सकती है। जाने से पूर्व जरूरी दवाईयां व डाईमोक्स टेबलेट रखना न भूलें।
वाह।
ReplyDeleteलगातार और रोज लिखो भाई थोड़ा थोड़ा ही सही।
जरूर कोशिश करूंगा भाईसाहब
Deleteबहुत सुंदर वर्णन
ReplyDeleteलेखन के बीच मे फ़ोटो एकदम सही है जगह का सही विवरण मिल जाता है
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