Saturday, January 30, 2016

4-भविष्य की और एक कदम

प्रथम विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद भी युवक अपनी यूनिट के लेखा विभाग में ही कार्यरत थे I चर्चाएं जोरो पर थी की युद्ध समाप्ति के बाद शीघ्र ही सेना मैं नियुक्त बहुत से लोगों की छटनी की जाएगी और अस्थायी पदों को समाप्त किया जायेगा I युवक ताराचंद भी इस स्थिति से अवगत थे और अपने भविष्य के प्रति सजग और जागरूक थे I अचानक एक दिन जब वो अपने दफ्तर के कार्य मैं व्यस्त थे तो यूनिट के कमांडिंग अफसर मिस्टर वाटसन का बुलावा आया I मिलने पर मिस्टर वाटसन ने बड़ी आत्मीयता से युवक ताराचंद को बताया
              " मिस्टर त्यागी जैसा की आपको मालूम होगा की युद्ध समाप्ति के पश्चात कुछ अस्थायी नियुक्तियों की छटनी की जानी है उस सन्दर्भ मैं आपका सर्विस रेकॉर्ड बहुत अच्छा है I यदि आप चाहें तो आपका समायोजन सेना मैं स्थायी रूप से किया जा सकता है I यदि आप कोई दूसरा विकल्प चाहते हैं तो मुझे बताएं"
युवक ने विनम्रता पूर्वक कहा
              " श्रीमान आपका व् अन्य अधिकारीयों का मेरे प्रति विशेष स्नेह रहा है I यहाँ पर कार्य करते हुए थोड़े समय मैं ही मैंने बहुत कुछ सीखा व् जाना है लेकिन मेरी इच्छा संयुक्त प्रान्त की पुलिस सेवा मैं जाने की है और इसके लिए मैं आवेदन भी कर चुका हूँ I यदि आप उचित समझें तो इस विषय मैं प्रान्त के गवर्नर की कार्यकारी परिषद को सेना मुख्यालय से संस्तुति भिजवा सकते हैं I "
मिस्टर वाटसन ने हँसते हुए कहा
                " ठीक है मिस्टर त्यागी इस विषय मैं जो भी अधिकतम किया जा सकता है मैं करूँगा I "
                युवक ने मिस्टर वाटसन का धन्यवाद किया और जाने की इज़ाज़त मांगी I
                 वाटसन ने युवक की कार्यक्षमता, सर्विस रिकॉर्ड, व्यवहार व् ईमानदारी को संज्ञान लेते हुए इस विषय मैं कुछ ज्यादा ही रूचि दिखाई और मुख्यालय कमांडिंग इन चीफ मिस्टर स्मिथ से बात की और जल्दी ही एक प्रबल संस्तुति पत्र गवर्नर की कार्यकारी परिषद के पास भेजा I इस संस्तुति को तुरंत संज्ञान लेते हुए शीघ्र ही युवक ताराचंद को दारोगा पद के लिए साक्षात्कार के लिए बुलावा भेजा गया I साक्षात्कार जैसा की उम्मीद थी सफल रहा और १९१८ के मध्य मैं युवक ताराचंद की नियुक्ति प्रदेश की पुलिस सेवा मैं दारोगा के पद पर हो गयी और उनको प्रशिक्षण के लिए मुरादाबाद प्रशिक्षण स्कूल मैं भेज दिया गया I एक वर्ष पश्चात सफलतापूर्वक प्रशिक्षण समाप्त होने पर प्रथम नियुक्ति मेरठ शहर के लाल कुर्ती थाना क्षेत्र मैं हुई I
                  ये खबर तार द्वारा गाँव मैं भी पहुंची और जल्दी ही आस पास के गावों मैं भी फ़ैल गयी I पूरा गांव इस नियुक्ति को लेकर बेहद गौरवान्वित था I
उत्तर प्रदेश के बहुत पिछड़े आँचल के एक ग्रामीण परिवेश मैं किसी युवक का पुलिस अधिकारी बनना गाँव के लिए बहुत बड़ी बात थी I उस समय तक आस पास के क्षेत्र मैं कोई भी युवक सरकारी पद पर नहीं पहुंचा था I यद्यपि बाद के कुछ ही वर्षो मैं कई नौजवान इस आँचल से ICS तथा न्यायिक परीक्षाओ मैं सफल हुए और क्षेत्र का नाम रोशन किया I
               गांव मैं इस खबर से जश्न का माहौल था और उस वक्त ग्रामीण आँचल मैं उपलब्ध एकमात्र मनोरंजन के साधन पारम्परिक स्वांग का आयोजन किया गया I कई दिन तक दावत मनोरंजन व् खुशियों का माहौल बना रहा I
क्रमशः

9 comments:

  1. बहुत बेहतरीन सर

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  2. बहुत बेहतरीन सर

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  3. अमित कहानी में पकड़ कायम रखी है आपने लेकिन कुछ उत्सुकता के लिए अलग से एक्स्ट्रा पॉइंट्स ऐड करने का प्रयास करो...

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  4. Amazing... As you write more, you get better at it.

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